दूर मत जा ऐ मेरे गम, वो चले जाएंगे
दर्द मिट जाएगा तो वो भी नहीं आएंगे
सब्र करके ही तो जिंदगी को जी रहे हैं हम
वरना बेचैनी है इतनी कि हम मर जाएंगे
कल जहां पानी था वहां रेत के टीले हैं बचे
क्या खबर थी कि मेरे दरिया भी सूख जाएंगे
शाम का आईना माजी का अक्स लाया है
आज फिर वो खयालों में मुझे मिल जाएंगे
दर्द मिट जाएगा तो वो भी नहीं आएंगे
सब्र करके ही तो जिंदगी को जी रहे हैं हम
वरना बेचैनी है इतनी कि हम मर जाएंगे
कल जहां पानी था वहां रेत के टीले हैं बचे
क्या खबर थी कि मेरे दरिया भी सूख जाएंगे
शाम का आईना माजी का अक्स लाया है
आज फिर वो खयालों में मुझे मिल जाएंगे