छुट्टी की अर्जी , केवल एक कागज
या दस्तावेज ही नहीं
एक भावना है एक आशा है
उम्मीद है और हक भी है
एक धमकी है बहाना है
और सपना भी है
सपना, जो टूटता भी है कभी
जब होती है खारिज अर्जी
और लिखा मिलता है उस पर अस्वीकृत
मुस्कुराते हुए बॉस की मर्जी और
एक और छुट्टी की अर्जी
जो हरदम स्वीकृत ही होती है
इस घोर कलियुग में भी
मानवतता यहाँ नही सोती है
वह अर्जी है माँ की बीमारी की
वजह से माँगी गई छुट्टी
अक्सर उस 'बीमार' माँ के लिये
जो मर चुकी है,
कई वर्ष पूर्व गाँव मे
या दस्तावेज ही नहीं
एक भावना है एक आशा है
उम्मीद है और हक भी है
एक धमकी है बहाना है
और सपना भी है
सपना, जो टूटता भी है कभी
जब होती है खारिज अर्जी
और लिखा मिलता है उस पर अस्वीकृत
मुस्कुराते हुए बॉस की मर्जी और
एक और छुट्टी की अर्जी
जो हरदम स्वीकृत ही होती है
इस घोर कलियुग में भी
मानवतता यहाँ नही सोती है
वह अर्जी है माँ की बीमारी की
वजह से माँगी गई छुट्टी
अक्सर उस 'बीमार' माँ के लिये
जो मर चुकी है,
कई वर्ष पूर्व गाँव मे