किताबे हाथ मे लेकर याद तुम्हे करती हु
मासूम से दिल को जलाती रहती हु
दिल मे तुम्हारी याद कुझ इस तरह जम सी गयी है
जैसे आत्मा और शरीर का एक रिश्ता है
जैसे बिजली का बादल से एक नाता हैं
जैसे आंखो का आंसू कैसे देखो एक दुजे मे समाया है
कैसे तुम्हारी याद को दिल से जुदा करू
या शरीर को ही आत्मा से रुसवा करू
तुम्ही बता दो यादो से पिझा झुडाने का राज
या हमे बुला लो अपने पास
पास ना बुला सको तो
दे दो ऐसी दुआ
कि इस दुनिया से हो जाऊ मै रुशवा
तनहा अकेले ये यादो के मेले
कैसे कोई इतनी तकलीफो को झेले
दोस्ती ओर साथी के दायरे अब टुटने लगे है
ये जिंदगी अब गम के फसाने मे डूबने लगे है
जी ना सकेंगे हम आसुओ को बहाकर
यादो के महल मे तुम्हारी यादे सजाकर
ये यादे ये यादे