तेरे खातिर ही दुनिया से किया मैंने बगावत था
किया तूने भी अब तनहा और दुनिया से तो पहले था
मेरे खोने के खातिर काफी थी तेरी झील सी आँखें
हुई क्यूँ आज वो दरिया जो कल मेरा समन्दर था
किया तूने भी अब तनहा और दुनिया से तो पहले था
मेरे खोने के खातिर काफी थी तेरी झील सी आँखें
हुई क्यूँ आज वो दरिया जो कल मेरा समन्दर था